अंजनी स्तोत्र :
ओम नमो हनुमंते शोभितांननाय यशोलंकृताय।
अंजनी गर्भ संभूताय राम-लक्ष्मणंनंदकाय कपि सैन्य प्रकाशय,
पर्वतात्पाटनाय सुग्रीववसाह्य करणाय परोच्चाटनाय
कुमार ब्रह्मचर्चाय गंभीर शब्दोदयाय।
ओम ह्राॅ ह्रीं हूॅ सर्वदृष्ट ग्रह निवारणाय स्वाहा।।
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